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अवस्‍थापना
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पत्‍तन एवं बंदरगाह तथा अंतर्देशीय जलमार्ग

अर्थव्‍यवस्‍‍था उदारतावाद के अनुकरण में तीव्र अर्थव्‍यवस्‍था अभिवृद्धि से उत्‍पन्‍न तटवर्ती व्‍यापार की नित्‍य बढ़ती प्रमात्रा से वर्तमान प्रमुख पत्‍तनों का उन्‍नयन और नए ग्रीन फील्‍ड स्‍थानों के विकास की आवश्‍यकता प्रकाश में आई है । निजीकरण की तीव्रता से अतिरिक्‍त बर्थ और उपस्‍कर, मत्‍स्‍य घाटियों, लोडिंग, अनलोडिंग घाटियों और नए क्षेत्रों के विकास के रूप में वर्तमान पत्‍तनों के उन्‍नयन हेतु जानकारी बढ़ रही है ।

भारत के पास सीमांत गर्त जल क्षेत्र तथा विशिष्‍ट अर्थव्‍यवस्‍था क्षेत्र के साथ 6400 किमी. तट रेखा है । समुद्री व्‍यापार का अधिकांश भाग वर्तमान में इसके 13 प्रमुख पत्‍तनों द्वारा किया जाता है ।

मध्‍यवर्ती, लघु और मत्‍स्‍य पत्‍तन जोकि कुल तटवर्ती व्‍यापार में से 25% से भी कम योगदान करते हैं, भविष्‍य अभिवृद्धि में बड़े भाग का योगदान करेंगे। नदियों, नहरों एवं बैक वाटर सहित कुल प्रबंधन जलमार्ग का 4500 किमी. तक विस्‍तार है । जिसमें से लगभग 5200 किमी. मुख्‍य नदियों तथा 484 किमी. नहर (कुल 5684 किमी.) यांत्रिकी क्राफ्ट हेतु उपयुक्‍त है ।

भारत सरकार ने नदी नौसंचालन के रास्‍ते द्वारा देश में यातायात का तीसरा साधन विकसित करके इस कमी को पूरा करने के लिए कदम उठाए हैं । इससे देश के यातायात संभार तंत्र में सुधार होगा । भारत में पत्‍तन अन्‍तर्देशीय जलमार्गों के तीव्रतम विकास के लिए वर्तमान प्रवृति निजी क्षेत्र की भागीदारी द्वारा इस क्षेत्र को प्रोत्‍साहन देने की है।

नौसंचालन व्‍यापार से कुल प्रबंधनीय को ऊपर ले जाना होगा । आज कम्‍पनी पत्‍तन एवं बन्‍दरगाह परामर्श में निजी क्षेत्र के बाजार में अग्रिम अंश है । वाप्‍कोस का पत्‍तन एवं बन्‍दरगाह एकक, वास्‍तविक और गणितीय मॉडल तकनीक के सहयोग से पत्‍तन एवं बन्‍दरगाह, तटवर्ती अभियांत्रिकी और अन्‍तर्देशीय जल यातायात से संबंधित परियोजनाओं को संकल्‍पना से प्रवर्तन में लाने तक परामर्शी सेवाओं की सम्‍पूर्ण श्रेणी आफर करती है ।

योजना अध्‍ययन
  • कार्गो ट्रैफिक विश्‍लेषण तथा प्रक्षेपण
  • हिन्‍टरलैंड अर्थशास्‍त्र तथा मांग
  • परियोजना की पहचान तथा मूल्‍यांकन
  • आर्थिक व वित्‍तीय विश्‍लेषण
  • बीओओटी, बीओएसटी तथा बीओएलटी पत्‍तन परियोजनाओं का निवेश विश्‍लेषण
  • लोजिस्टिक/ सामग्री रखरखाव
  • कंटेनर ट्रांसशिपमैंट टर्मिनल
  • समुद्री तट के लोजिस्टिक का सामग्री रखरखाव
अन्‍वेषण
  • स्‍थालाकृति सर्वेक्षण
  • जलविज्ञानी सर्वेक्षण
  • भूकंप संबंधी सर्वेक्षण
  • भू-तकनीकी अन्‍वेषण
  • समुद्र विज्ञान/मौसम विज्ञान पैरामीटर अर्थात् वायु, तरंग, ज्‍वार, गाद परिवर्तन, लवण इत्‍यादि का मापन
  • पूर्वानुमान/हिन्‍डकास्टिंग तकनीक के प्रयोग से समुद्र विज्ञान/मौसम विज्ञान परिस्थितियों का आकलन
भौतिक/गणित्‍य माडल अध्‍ययन
  • प्रशांति परिस्थिति
  • ब्रेकवाटर की लम्‍बाई का इष्‍टमीकरण
  • बंदरगाह लेआउट, जेट्टी व बर्थ का संरेखण
  • आयामों का इष्‍टमीकरण तथा नौसंचालन चैनलों का संरेखण
  • बर्थ तथा क्षेत्रों में शीप की गति
  • तंरग नालिका अध्‍ययन
  • प्रशिक्षण कार्य तथा अन्‍य संरक्षण कार्यों का स्‍थान तथा संरेखण
परियोजना रिपोर्ट(व्‍यवहार्यता रिपोर्ट व विस्‍तृत परियोजना रिपोर्ट)
  • परियोजना योजना
  • तकनीकी-आर्थिक व्‍यवहार्यता
  • लागत अनुमान
  • कार्यों का विनिर्देशन
  • निविदा अभियांत्रिकी, निविदा विश्‍लेषण तथा ठेकेदारों का चयन
विस्‍तृत अभियांत्रिकी
  • विस्‍तृत डिजाइन
  • निर्माण ड्राइंग
  • निर्माण प्रबंधन व स्‍थल पर्यवेक्षण
निर्माण प्रबंधन
  • समय अनुसूची
  • लागत नियंत्रण
  • सामग्री प्रबंधन
  • स्‍थल पर्यवेक्षण
  • पीईआरटी/सीपीएम तकनीक के साथ निर्माण प्रगति नियंत्रण
  • कार्मिकों का प्रशिक्षण
अन्‍य
  • मत्‍स्‍य बंदरगाह
  • निकर्षण तथा भूमिउद्धार
  • समुद्रतटीय अभियान्त्रिकी
  • पत्‍तन संबद्ध सुविधाएं
  • विद्युत तथा यांत्रिकी सेवाएं
  • जोखिम विश्‍लेषण तथा प्रबंधन
  • एसपीएम व एसबीएम अध्‍ययन
  • जल इनटेक प्रणाली (समुद्र व नदी)
  • क्षेत्र जल निकासी तथा सुरक्षित उत्‍थान
उपयोगी लिंक
  • नराकास, गुरूग्राम
  • भारतीय झंडा संहिता 2002
  • आचार संहिता
  • विश्‍व बैंक द्वारा एमएसएमई विक्रेता हेतु एसएपीआईए 2018
  • नागरिक चार्टर
  • दिव्‍यांगजनों के लिए उपयुक्‍त पद
  • पुरालेख समझौता ज्ञापन सूची
  • मुख्य सतर्कता अधिकारी
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  • निगमित सामाजिक दायित्‍व - सेबी
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पिछला अद्यतन - 19-12-2025
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